ताइवान राष्ट्रपति चिंग-ते का संबोधन: लोकतांत्रिक देशों के साथ खड़े होने का आश्वासन
ताइवान के राष्ट्रपति लाइ चिंग-ते ने राष्ट्रपति कार्यालय के सामने हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि ताइवान लोकतांत्रिक देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगा। यह बयान ताइवान के लिए महत्वपूर्ण समय में आया है, जब उसे चीन के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
भाषण का मुख्य विषय:
चिंग-ते ने अपने भाषण में ताइवान की संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, “ताइवान हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करेगा और अपने मित्र देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा देगा। हम अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ते रहेंगे।”
चीन के बढ़ते दबाव का संदर्भ:
राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि ताइवान चीन के निरंतर सैन्य दबाव का सामना कर रहा है, जिसमें बार-बार सैन्य विमान ताइवान के वायु क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे हैं। उन्होंने इस संदर्भ में कहा, “हमारे सामने चुनौतियाँ हैं, लेकिन हम एकजुट होकर उनका सामना करेंगे।”
आंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता:
चिंग-ते ने ताइवान की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि ताइवान लोकतांत्रिक देशों के साथ मिलकर अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा और किसी भी प्रकार की आक्रमकता का मुकाबला करने के लिए तैयार रहेगा।
उपस्थित जनसैलाब का समर्थन:
राष्ट्रपति के भाषण के दौरान उपस्थित हजारों लोगों ने उनका समर्थन किया और “ताइवान की स्वतंत्रता” के नारे लगाए। इस जनसमूह ने अपनी सरकार के प्रति भरोसा जताया और ताइवान की संप्रभुता की रक्षा के लिए एकजुटता का प्रदर्शन किया।
