ये क्या हुआ! बदल गए मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के सुर, जानें क्यों करने लगे भारत की तारीफ
मालदीव के राष्ट्रपति मोहमद मुइज्जू ने हाल ही में भारत के प्रति अपने दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। उनकी तारीफें और सहयोग की बातें यह संकेत देती हैं कि दोनों देशों के बीच संबंधों में नया मोड़ आ रहा है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजहें:
1. भारत की सक्रिय भूमिका
- सुरक्षा और विकास सहयोग: मुइज्जू ने स्वीकार किया है कि भारत ने मालदीव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर सुरक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में। भारत ने महामारी के दौरान मालदीव को वैक्सीन और चिकित्सा सामग्री प्रदान की थी।
2. द्विपक्षीय समझौतों की बढ़ती संख्या
- अहम समझौते: हाल ही में, भारत और मालदीव के बीच कई समझौते हुए हैं, जिसमें आर्थिक, सुरक्षा और परिवहन के क्षेत्र में सहयोग शामिल है। मुइज्जू ने इन समझौतों को महत्वपूर्ण बताया है और कहा है कि ये दोनों देशों के लिए लाभदायक हैं।
3. भारत का फर्स्ट रिस्पांडर
- भारत की तत्परता: मुइज्जू ने यह भी कहा कि भारत हमेशा संकट के समय मालदीव का फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। उन्होंने इस बात की प्रशंसा की कि भारत ने अपने पड़ोसी देशों के प्रति हमेशा सहयोगी दृष्टिकोण रखा है।
4. विपक्षी दृष्टिकोण से बदलाव
- पिछले सरकार के अनुभव: मुइज्जू की सरकार ने पिछले प्रशासन के समय भारत के साथ संबंधों में तनाव को देखा है। अब वे एक नई शुरुआत की ओर अग्रसर हैं, जहाँ वे भारत को एक साथी के रूप में देख रहे हैं।
5. अंतरराष्ट्रीय संबंधों का संतुलन
- चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला: मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, मुइज्जू ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना आवश्यक समझा है। इससे मालदीव की रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत किया जा सकता है।
6. भारत-मालदीव की संस्कृति और परंपरा
- संस्कृति का आदान-प्रदान: मुइज्जू ने यह भी कहा कि भारत और मालदीव के बीच सांस्कृतिक संबंध भी गहरे हैं, और यह आवश्यक है कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े रहें।
