हरियाणा चुनाव: योगी आदित्यनाथ का “बंटोगे तो कटोगे” दांव और बीजेपी की रणनीति
हरियाणा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक नई रणनीति अपनाई, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बंटोगे तो कटोगे” के नारे का उपयोग किया गया। यह रणनीति न केवल चुनावी मैदान में वोटरों को आकर्षित करने के लिए थी, बल्कि यह बीजेपी की सख्त छवि को भी मजबूत करने का प्रयास था।
योगी का प्रभाव और संदेश
योगी आदित्यनाथ का यह बयान हरियाणा में बीजेपी की चुनावी सभाओं में गूंजा। इस नारे का उद्देश्य उन लोगों को चेतावनी देना था जो समाज में विभाजन और असुरक्षा फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। आदित्यनाथ ने अपने संबोधनों में कहा कि जो लोग समाज में अराजकता फैलाने की कोशिश करेंगे, उन्हें इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा।
बीजेपी की रणनीति
- सख्त कानून-व्यवस्था का संदेश: योगी आदित्यनाथ के सख्त शासन का उदाहरण देते हुए, बीजेपी ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने यह बताया कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है, और हरियाणा में भी ऐसा ही किया जाएगा।
- धार्मिक भावनाओं का दोहन: बीजेपी ने धार्मिक भावनाओं को भी भड़काने का प्रयास किया। आदित्यनाथ के द्वारा दिए गए बयानों में हिंदू संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करने की बात की गई, जिससे हिंदू वोटरों का समर्थन हासिल किया जा सके।
- सामाजिक मुद्दों पर फोकस: बीजेपी ने सामाजिक मुद्दों, जैसे महिलाओं की सुरक्षा, बेरोजगारी, और किसानों की समस्याओं को उठाया। इन मुद्दों को समाधान करने का आश्वासन देकर पार्टी ने मतदाताओं के बीच एक सकारात्मक छवि बनाने का प्रयास किया।
- प्रचार और रैलियां: चुनावी प्रचार के दौरान, बीजेपी ने बड़े पैमाने पर रैलियों का आयोजन किया, जिसमें योगी आदित्यनाथ की प्रमुख भूमिका रही। उनकी उपस्थिति ने कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया और पार्टी के प्रति समर्थन बढ़ाया।
