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किसान कार्ड: योजनाओं का लाभ पहुंचाने की नई पहल

“डिजिटल किसान रजिस्ट्री से किसानों को नई पहचान”

जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र ने बताया कि रोस्टर जारी कर 31 दिसम्बर तक जिले की समस्त राजस्व गांवो में किसान रजिस्ट्री की शुरुआत कर दी जाएगी, इसमें किसान का आधार नंबर, खेत का रकबा नंबर, खसरा नंबर, मोबाइल नंबर आदि का विवरण दर्ज किया जाएगा, पूरा विवरण दर्ज होने के बाद किसानों को एक यूनिक नंबर जारी होगा।

इस नंबर के जरिए ही संबंधित किसान का पूरा विवरण देखा जा सकेगा। रजिस्ट्री का कार्य पूर्ण होने के बाद किसान कार्ड बनाया जाएगा कार्ड से मिलने वाले नंबर के जरिए ही पीएम किसान सम्मान निधि सहित अन्य योजनाओं का लाभ किसानों को दिया जाएगा।

किसान कार्ड के लिए जिले के हर राजस्व गांव में शिविर का आयोजन किया जा रहा है इसमें कृषि विभाग/पंचायत विभाग एवं राजस्व विभाग के दो-कर्मचारी रहेंगे, शिविर में गांव के संबंधित किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले सभी गाटा संख्या, सहखातेदार होने की स्थिति में गाटों में किसान का अंश, आधार नंबर, ई-केवाईसी विवरण आदि दर्ज करेंगे।

किसी प्रकार के स्वामित्व स्थानांतरण ( विसारत,बैनामा आदि) होने पर किसान रजिस्ट्री में बदलाव किया जा सकेगा, इससे किसान के हर गाटे में हर सत्र में बोई जाने वाली फसल का विवरण भी शामिल किया जाएगा।
किसान कार्ड से फायदे के बारे में बताते हुए कहा कि अभी तक किसान को किसी भी तरह का ऋण लेने के लिए बार-बार राजस्व रिकार्ड देना पड़ता है, किसान रजिस्ट्री होने पर उसके नंबर को संबंधित एप पर डालकर उसका पूरा विवरण देखा जा सकेगा।

इससे किसान कल्याण की योजनाएं बनाने और उसके क्रियान्वयन में आसानी होगी, लाभार्थियों को सत्यापन कृषि उत्पाद के विपणन और अन्य वित्तीय मामलों में सहूलियत होगी। साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि भुगतान, फसली ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा, आपदा के दौरान किसानों को क्षति पूर्ति देने के लिए किसानों का चयन करने में आसानी होगी, साथ ही राजस्व विवादों का भी निस्तारण होगा।

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