धड़कने रुकते ही शरीर का क्या होता है हाल? त्वचा का रंग बदलने के साथ-साथ आंत में होने लगते हैं ये गड़बड़ी
जब हृदय की धड़कन रुक जाती है, तो शरीर में कई गंभीर परिवर्तन होते हैं। यह स्थिति चिकित्सा आपातकाल का संकेत है और इसके प्रभाव तुरंत देखने को मिलते हैं।
शरीर में होने वाले परिवर्तन
- त्वचा का रंग बदलना: हृदय की धड़कन रुकने से रक्त संचार बंद हो जाता है, जिसके कारण त्वचा का रंग धूसर या नीला हो जाता है। यह ऑक्सीजन की कमी का संकेत है।
- आंतों में गड़बड़ी: धड़कन रुकने पर आंतों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है, जिससे आंतों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इससे गैस्ट्रिक समस्याएं, जैसे सूजन या दर्द, उत्पन्न हो सकती हैं।
- मस्तिष्क पर प्रभाव: मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण व्यक्ति बेहोश हो सकता है। लंबे समय तक धड़कन रुकने पर मस्तिष्क को गंभीर नुकसान भी हो सकता है।
अन्य शारीरिक प्रभाव
- संवेदनाओं में कमी: धड़कन रुकने से शरीर के विभिन्न अंगों में संवेदनाओं में कमी आ सकती है।
- शारीरिक कार्यक्षमता में गिरावट: हृदय की धड़कन रुकने पर संपूर्ण शारीरिक कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, जिससे शारीरिक गतिविधियों में कमी आ जाती है।
