विटामिन-डी की कमी के कारण: सिर्फ धूप नहीं, ये कारण भी जिम्मेदार
“विटामिन-डी शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो हड्डियों, मांसपेशियों और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखता है। इसे “सनशाइन विटामिन” भी कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य की किरणों के संपर्क में आने से शरीर में प्राकृतिक रूप से बनता है।“
लेकिन अगर शरीर में विटामिन-डी की कमी (Vitamin D Deficiency) हो जाए, तो इससे हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, थकान और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अधिकतर लोगों को लगता है कि इसकी कमी सिर्फ धूप में न जाने से होती है, लेकिन असल में कई और कारण भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। आइए जानते हैं विटामिन-डी की कमी के प्रमुख कारण।
विटामिन-डी की कमी के 6 प्रमुख कारण
पर्याप्त धूप न मिलना ☀
👉 जो लोग ज्यादातर समय घर के अंदर बिताते हैं या जिनका काम इंडोर होता है, उन्हें पर्याप्त धूप नहीं मिल पाती।
👉 सनस्क्रीन या ज्यादा कपड़े पहनना भी शरीर में विटामिन-डी बनने की प्रक्रिया को रोक सकता है।
👉 शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण भी सूर्य की किरणों को त्वचा तक पहुंचने से रोकता है।
डाइट में विटामिन-डी की कमी 🍲
👉 शाकाहारी लोगों में इसकी कमी ज्यादा देखी जाती है, क्योंकि यह मुख्य रूप से मछली, अंडे और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है।
👉 अगर आपकी डाइट में विटामिन-डी से भरपूर चीजें जैसे दूध, दही, चीज़, मशरूम और फोर्टिफाइड फूड्स नहीं हैं, तो इसकी कमी हो सकती है।
किडनी और लिवर से जुड़ी समस्याएं 🏥
👉 किडनी और लिवर शरीर में विटामिन-डी को एक्टिवेट करने में मदद करते हैं।
👉 यदि आपको क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) या लिवर से जुड़ी समस्या है, तो शरीर पर्याप्त विटामिन-डी को अवशोषित नहीं कर पाता।
पेट से जुड़ी बीमारियां (Digestive Disorders) 🩺
👉 IBD (इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज), सीलिएक डिजीज, क्रोहन डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी समस्याओं से ग्रसित लोगों में विटामिन-डी का अवशोषण कम होता है।
👉 बार-बार पेट खराब होना या पाचन से जुड़ी समस्याएं भी विटामिन-डी के अवशोषण को प्रभावित कर सकती हैं।
उम्र बढ़ने के साथ विटामिन-डी का अवशोषण कम होना 👵
👉 40-50 की उम्र के बाद त्वचा में विटामिन-डी बनाने की क्षमता घटने लगती है।
👉 बुजुर्गों में इसीलिए विटामिन-डी की कमी ज्यादा देखी जाती है।
👉 जिनका शरीर कमजोर है या जो लंबे समय तक बीमार रहते हैं, उनमें यह समस्या आम होती है।
मोटापा और वजन अधिक होना ⚖
👉 मोटापा (Body Mass Index – BMI 30 से अधिक होने पर) विटामिन-डी की कमी का कारण बन सकता है।
👉 वसा (Fat) विटामिन-डी को अवशोषित करने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है।
विटामिन-डी की कमी से बचने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय
✔ रोज़ाना कम से कम 15-20 मिनट धूप में जरूर बैठें।
✔ डाइट में विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें, जैसे:
- अंडे की ज़र्दी 🥚
- मछली (सैल्मन, टूना) 🐟
- दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स 🥛
- मशरूम 🍄
- फोर्टिफाइड फूड्स 🥣 (जैसे विटामिन-डी युक्त अनाज और दूध)
✔ डॉक्टर की सलाह लेकर विटामिन-डी सप्लीमेंट्स का सेवन करें।
✔ शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और वजन नियंत्रित रखें।
✔ अगर कोई पुरानी बीमारी है, तो नियमित हेल्थ चेकअप कराते रहें।
विटामिन-डी की कमी केवल धूप में कम जाने से नहीं होती, बल्कि डाइट, लाइफस्टाइल और कुछ बीमारियों के कारण भी हो सकती है। अगर आपको हड्डियों में दर्द, कमजोरी, मांसपेशियों में खिंचाव या थकान महसूस हो, तो यह विटामिन-डी की कमी का संकेत हो सकता है।
