प्रयागराज महाकुंभ में रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे, फिर भी हवा रही साफ, प्रदूषण स्तर चंडीगढ़ से बेहतर
“ संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। अब तक 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। हजारों वाहनों की आवाजाही के बावजूद महाकुंभ क्षेत्र की हवा साफ-सुथरी और सेहत के लिए सुरक्षित बनी हुई है। यह खुलासा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट से हुआ है।“
महाकुंभ की हवा रही ‘ग्रीन जोन’ में
सीपीसीबी के पर्यावरण कंसल्टेंट इंजीनियर शहीक शिराज के मुताबिक, महाकुंभ के दौरान क्षेत्र की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अधिकांश समय 100 से नीचे रहा, जो वायु की अच्छी गुणवत्ता दर्शाता है। केवल मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को AQI 106 दर्ज किया गया, जो मॉडरेट श्रेणी में आता है। बाकी दिनों में एयर क्वालिटी 100 के नीचे ही रही।
महाकुंभ के प्रमुख स्नान दिवसों पर AQI का हाल:
- 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) – 67 (अच्छा)
- 14 जनवरी (मकर संक्रांति) – 67 (अच्छा)
- 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) – 106 (मॉडरेट)
- 03 फरवरी (बसंत पंचमी) – 65 (अच्छा)
- 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) – 52 (अच्छा)
इस प्रकार कुल 42 दिनों तक लगातार महाकुंभ क्षेत्र की हवा ग्रीन जोन में रही, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।
चंडीगढ़ जैसे शहर से भी बेहतर रही प्रयागराज की स्थिति
सीपीसीबी के आधिकारिक ऐप ‘समीर’ में जनवरी-फरवरी 2025 के आंकड़ों से तुलना करने पर पता चलता है कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज की हवा की गुणवत्ता देश के साफ-सुथरे शहर चंडीगढ़ से भी बेहतर रही।
चंडीगढ़ का AQI इस दौरान:
- पौष पूर्णिमा – 253
- मकर संक्रांति – 264
- मौनी अमावस्या – 234
- बसंत पंचमी – 208
- माघी पूर्णिमा – 89
वहीं महाकुंभ की तुलना में ये आंकड़े काफी अधिक रहे, जो प्रदूषण की दृष्टि से चिंताजनक हैं।
लाखों वाहनों के बावजूद बनी रही शुद्धता
विशेष बात यह है कि महाकुंभ में भारी संख्या में पेट्रोल और डीजल चालित चार पहिया वाहनों का आवागमन रहा, इसके बावजूद वायु गुणवत्ता साफ रही। प्रशासन की अच्छी व्यवस्था, कचरा प्रबंधन, नियमित साफ-सफाई और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के कारण यह संभव हो पाया है।
प्रशासन के प्रयासों की हो रही प्रशंसा
श्रद्धालुओं और विशेषज्ञों ने महाकुंभ प्रशासन के बेहतर प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों की जमकर तारीफ की है। प्रशासन ने पर्यावरण सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रिक बसें, कूड़ा प्रबंधन और स्वच्छता का खास इंतजाम किया है।
इस तरह, प्रयागराज महाकुंभ 2025 धार्मिक आयोजन के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी शानदार उदाहरण बन गया है।
