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हिमाचल प्रदेश: 12वीं अंग्रेजी परीक्षा रद्द, पेपर लीक का मामला सामने आया

भूमिका

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) द्वारा हाल ही में 12वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय परीक्षा के पेपर लीक होने की आशंका के कारण लिया गया है। यह घटना राज्य में शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता और परीक्षा की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करती है। इस लेख में हम इस घटना के कारणों, इसके प्रभाव और भविष्य में ऐसे मुद्दों को रोकने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा करेंगे।

पेपर लीक की घटना और निर्णय का कारण

7 मार्च 2025 को चंबा जिले के चौवारी स्थित एक स्कूल में परीक्षा केंद्र पर एक बड़ी गलती सामने आई। शिक्षकों ने गलती से 10वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा के स्थान पर 12वीं कक्षा का अंग्रेजी प्रश्नपत्र खोल दिया। यह घटना तब हुई जब 10वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित की जा रही थी, जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षा अगले दिन होनी थी। इस गलती के बाद प्रश्नपत्र का लीक होने की आशंका बढ़ गई।

बोर्ड को इस गलती की सूचना मिलते ही उन्होंने अपनी निगरानी प्रणाली ‘एग्जाम मित्र ऐप’ के माध्यम से वीडियो फुटेज की जांच की और इस त्रुटि की पुष्टि की। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षा विनियम, 1993 (जुलाई 2017 तक संशोधित) के तहत परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया।

बोर्ड की प्रतिक्रिया और परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा

HPBOSE ने तुरंत कार्रवाई करते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया और कहा कि नई तिथि की घोषणा जल्द ही की जाएगी। यह निर्णय परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लिया गया।

परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने पहले ही ‘एग्जाम मित्र ऐप’ जैसी निगरानी प्रणाली को लागू किया था। इस प्रणाली का उपयोग परीक्षा केंद्रों की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि केवल तकनीकी उपाय ही पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि परीक्षा केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी।

छात्रों और अभिभावकों पर प्रभाव

परीक्षा रद्द होने का सीधा असर छात्रों पर पड़ा है। यह प्रभाव मानसिक और शैक्षणिक दोनों रूपों में देखा जा सकता है।

मानसिक प्रभाव

परीक्षा की तैयारी में छात्रों ने काफी मेहनत की थी और परीक्षा रद्द होने से उनमें तनाव और निराशा बढ़ गई है। उन्हें अब दोबारा से परीक्षा की तैयारी करनी होगी, जिससे उनका मानसिक दबाव बढ़ सकता है।

शैक्षणिक प्रभाव

परीक्षा रद्द होने से शैक्षणिक कैलेंडर में बदलाव आ सकता है। इससे अन्य परीक्षाओं और शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ सकता है। 12वीं की परीक्षा उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण होती है, और इस प्रकार की घटनाएं प्रवेश प्रक्रिया में देरी का कारण बन सकती हैं।

भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय

यह घटना परीक्षा प्रणाली में मौजूद खामियों को उजागर करती है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल सख्त किए जाएं: प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा नियमों को और अधिक कड़ा किया जाना चाहिए।
  2. तकनीकी निगरानी का विस्तार किया जाए: ‘एग्जाम मित्र ऐप’ जैसी निगरानी प्रणालियों का और अधिक व्यापक स्तर पर उपयोग किया जाए।
  3. प्रशिक्षण और जागरूकता: परीक्षा केंद्रों के कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि वे प्रश्नपत्रों को संभालने में और अधिक सतर्क रहें।
  4. सख्त दंड: परीक्षा लीक में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
  5. स्वतंत्र जांच कमेटी: परीक्षा प्रक्रिया की निगरानी और सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए एक स्वतंत्र जांच कमेटी बनाई जाए।

निष्कर्ष

12वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा रद्द होने की घटना हिमाचल प्रदेश के शिक्षा तंत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस प्रकार की घटनाओं से शिक्षा प्रणाली की साख प्रभावित होती है और छात्रों का विश्वास भी डगमगाने लगता है। इस समस्या का समाधान केवल परीक्षा रद्द करने तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि एक मजबूत और सुरक्षित परीक्षा प्रणाली विकसित करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। शिक्षा बोर्ड को इस त्रुटि से सीख लेते हुए भविष्य में परीक्षा सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाना होगा ताकि छात्रों की मेहनत और उनका भविष्य सुरक्षित रह सके।

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