नरेंद्र मोदी: पीएम बनने के बावजूद गुजरात के सीएम के रूप में अद्वितीय स्थिति
नरेंद्र मोदी, जो आज भारत के प्रधानमंत्री हैं, ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में की थी। उनका यह सफर बेहद रोचक और प्रेरणादायक रहा है। आइए जानते हैं कि कैसे नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री बनने के बावजूद गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में एक विशेष स्थिति बनाई।
1. मोदी का मुख्यमंत्री कार्यकाल
- कार्यकाल: नरेंद्र मोदी ने 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनके नेतृत्व में गुजरात ने कई आर्थिक और सामाजिक विकास के मील के पत्थर हासिल किए।
- विकास की दृष्टि: मोदी ने गुजरात को निवेश और उद्योग के लिए एक आकर्षक स्थान बनाने के लिए कई नीतियाँ लागू कीं, जिससे राज्य में बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला।
2. प्रधानमंत्री बनने के बाद का समय
- 2014 में प्रधानमंत्री बनना: नरेंद्र मोदी ने 2014 में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके बावजूद, गुजरात की राजनीति में उनकी उपस्थिति बनी रही।
- कई योजनाओं का ध्यान: प्रधानमंत्री बनने के बाद भी, नरेंद्र मोदी ने गुजरात में चल रही योजनाओं का समर्थन और निगरानी जारी रखी। यह दर्शाता है कि उनकी प्राथमिकताएँ और संबंध गुजरात से गहरे थे।
3. आधिकारिक कार्यक्रम और उपस्थिति
- योजनाओं का उद्घाटन: प्रधानमंत्री रहते हुए भी, नरेंद्र मोदी ने कई बार गुजरात की योजनाओं का उद्घाटन किया और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। यह दिखाता है कि उनका ध्यान हमेशा गुजरात के विकास पर रहा है।
- संदेश भेजना: मोदी ने अक्सर यह संदेश दिया है कि वे गुजरात के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं, भले ही वे अब राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहे हों।
4. राजनीतिक स्टाइल और नेतृत्व
- दूरदर्शिता: नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और दूरदर्शिता ने उन्हें एक अद्वितीय स्थिति में रखा, जहाँ वे न केवल प्रधानमंत्री बने बल्कि गुजरात के विकास को भी अपने दिल के करीब रखा।
- संपर्क बनाए रखना: उन्होंने हमेशा गुजरात के लोगों से संपर्क बनाए रखा, चाहे वे जनसभाएँ हों या ऑनलाइन संवाद।
5. गुजरात के प्रति विशेष सम्मान
- गुजरात की पहचान: नरेंद्र मोदी के लिए गुजरात हमेशा एक विशेष स्थान रहा है। उनकी नीतियों और कार्यक्रमों ने राज्य की पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती प्रदान की।
- विकास के मॉडल: नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विकास को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे अन्य राज्यों और देशों ने भी अपनाया।
